यीशु मसीह के "पूरा हुआ" कहने का असल अर्थ क्या है?

वह रविवार की सुबह भी किसी अन्य सुबह जैसी ही थी। मैंने बाइबल खोली और अपने आध्यात्मिक भक्ति की शुरुआत करते हुए मैंने इब्रानियों में 9:28 पढ़ा, जिसमें लिखा था: "वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा" इसके बारे में ध्यान से सोच-विचार करते हुए, मैं उलझन में पड़ गयी। मैंने सोचा, "ऐसा नहीं हो सकता। क्या क्रूस पर यीशु मसीह के 'पूरा हुआ' कहने का अर्थ यह नहीं है कि मनुष्य को बचाने के लिए परमेश्वर का कार्य पूरी तरह से समाप्त हो गया है? जब प्रभु लौटेंगे, हम तुरंत स्वर्ग में प्रवेश कर प्रभु के साथ भोज करेंगे, तो यहाँ यह कैसे लिखा है कि जब यीशु मसीह वापस आयेंगे तो वे मनुष्य को बचाने के लिए फिर से प्रकट होंगे? आखिर इन सबका मतलब क्या है?"

जितना अधिक मैंने इसके बारे में सोचती जाती, उतना ही मेरा दिल संदेह से भरता जाता… मैंने सोचा, "ऐसे काम नहीं चलेगा! इस बारे में संगति करने के लिए मुझी किसी को तो खोजना ही होगा।" तभी मुझे कलीसिया के अपनी सहकर्मी, बहन शाओ ज़ू की याद आई। हम आमतौर पर एक साथ बाइबिल पर चर्चा किया करते थे, और सौभाग्य से बहन शाओ ज़ू, किसी जगह एक सभा में भाग लेकर अभी-अभी वापस ही आई थी। ऐसा कुछ नहीं था जिसे तलाशने में बहन शाओ मेरी मदद न कर सके।

 

मैं शाओ ज़ू के घर गयी, और बहन शाओ ज़ू और उसके पति भाई शू, दोनों को घर देखकर, मैंने अपना सवाल जल्दी से उनके सामने रख दिया दिया: "मैं किसी चीज़ को लेकर उलझन में हूँ और इसके बारे में आपके साथ बात करना चाहती हूँ। हम सभी जानते हैं कि क्रूस पर यीशु मसीह ने 'पूरा हुआ' कहा था। इसका मतलब यह था कि मनुष्य को बचाने का परमेश्वर का कार्य समाप्त हो गया था, और जब तक हम यीशु पर विश्वास करते हैं, तब तक प्रभु अब हमें पापी नहीं मानेंगे, और जब वह वापस लौटेंगे, तो हमें तुरंत स्वर्ग में उठा जाएगा। फिर भी इब्रानियों 9:28 में लिखा है: 'वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा।' यह कहता है कि परमेश्वर हमें बचाने का अपना काम करने के लिए अंतिम दिनों में फिर से प्रकट होंगे। आप इससे क्या समझते हैं?"

 

शाओ ज़ू ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह सवाल जो आपने पूछा है वो वही है जिस पर अपनी यात्रा के दौरान मैं भाइयों और बहनों के साथ चर्चा करती रही हूँ, और कुछ दिनों की संगति के बाद, हम आखिरकार एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। वास्तविक तथ्य में, जब यीशु मसीह ने 'पूरा हुआ' कहा, तो उसका मतलब यह नहीं था कि मानवजाति को बचाने का परमेश्वर का कार्य पूर्णत: समाप्त हो गया है, क्योंकि उन्होंने पहले यह भविष्यवाणी की थी, 'मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा' (यूहन्ना 16:12-13)। 'यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा' (यूहन्ना 12:47-48)। 'जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है' (प्रकाशितवाक्य 2-3)। प्रभु ने हमें पहले ही स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि जब वे अंत के दिनों में वापस आयेंगे, तो वह कलीसियाओं को सत्य व्यक्त करेंगे, हमें कई रहस्य बतायेंगे और न्याय का कार्य भी करेंगे। परमेश्वर भरोसेमंद हैं, और जो भी परमेश्वर कहते हैं वो जरुर पूरा होगा।"

 

मैंने शाओ ज़ू की संगति पर विचार किया, और सोचा, "हाँ! परमेश्वर विश्वासयोग्य हैं, और यह देखते हुए कि यीशु मसीह ने यह भविष्यवाणी की थी कि वे भविष्य में अधिक वचनों का कथन करेंगे और अधिक कार्य करेंगे, तो निश्चित रूप से पूरा होगा।"

 

भाई शू ने आगे कहा, "हाँ, प्रभु के वचन कभी खाली नहीं जा सकते। इसके अलावा, हमें यह भी पता होना चाहिए कि जब यीशु मसीह ने 'पूरा हुआ' कहा था, तो उनका मतलब था कि मानवजाति को छुड़ाने का परमेश्वर का कार्य समाप्त हो गया था और व्यवस्था के कारण अब किसी इन्सान को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा। व्यवस्था के युग के अंत की सोचें, शैतान द्वारा मानवजाति को अधिकाधिक गहराई से भ्रष्ट किया जा रहा था, वे अब व्यवस्था का पालन करने में सक्षम नहीं रह गये थे और हर पल व्यवस्था के कारण मृत्युदंड पाने के खतरे में थे। मनुष्य को बचाने के लिए, परमेश्वर ने यीशु मसीह के रूप में देहधारण किया और हर उस जगह जहाँ वे गये, वहाँ सुसमाचार का प्रचार किया, बीमार लोगों को चंगा किया और दुष्टात्माओं को बाहर निकाला। उन्होंने कई चमत्कार किए और अंततः मनुष्य को पाप से छुड़ाने के लिए उन्हें क्रूस पर लटका दिया गया। इसलिए, जब यीशु मसीह ने 'पूरा हुआ' कहा, तो उनका मतलब था कि जब तक उनके उद्धार को स्वीकार करने वाले सभी लोग अपने पापों को उनके समाने स्वीकार करेंगे और पश्चाताप करेंगे, तब तक उनके पापों को माफ कर दिया जाएगा, वे उस अनुग्रह का आनंद लेंगे जो यीशु प्रदान करते हैं, और अब के बाद उन्हें व्यवस्था द्वारा न तो दोषी ठहराया जायेगा न मृत्युदंड दिया जाएगा।

 

उनकी संगति सुनने के बाद, मुझे अचानक प्रकाश दिखने लगा, और मैंने कहा, "भाई शू, आपकी संगति से मुझे समझ आ गया है। प्रभु का 'पूरा हुआ' कहने का वास्तव में यह अर्थ था कि छुटकारे का परमेश्वर का कार्य समाप्त हो गया है, और जब तक हम प्रभु पर भरोसा करते और पाप स्वीकार कर पश्चाताप करते हैं, तब तक हमारे पापों को माफ किया जा सकता है, और हम व्यवस्था के कारण मृत्युदंड के भागी नहीं होंगे।"

बहन शाओ ज़ू ने फिर कहा, "प्रभु का शुक्र है, यह बड़ी अच्छी बात है कि आप इसे समझ गईं। यीशु मसीह ने मनुष्य के लिए पापबलि के रूप में कार्य किया, उन्होंने मनुष्य को पाप से छुड़ाया और उसके पापों को क्षमा किया। यह परमेश्वर की दया थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अब पाप से मुक्त हो गये हैं, क्योंकि हमारी पापी प्रकृति अभी भी हमारे भीतर गहराई से जमी है, और हम अभी भी अपनी पापी प्रकृति के बंधन के अधीन होने, पाप करने और परमेश्वर का विरोध करने में सक्षम हैं। उदाहरण के लिए, प्रभु पर विश्वास करने के बाद, भले ही हम अब अति स्पष्ट पाप नहीं करते हैं और हम बाहर से बहुत अच्छा व्यवहार करते हुए प्रतीत होते हैं, फिर भी हम अपने आत्म-सम्मान और अपने व्यक्तिगत हितों की रक्षा के लिए जीवन में दूसरों से झूठ बोलते हैं और धोखा देते हैं। जब हम समस्याओं का सामना करते हैं, तो लालच और दुष्ट विचार अभी भी हमारे दिल में पैदा हो सकते हैं; अन्य लोगों के साथ हमारी बातचीत में, हम अभी भी उन्हें अपने से छोटा मानकर उन्हें तवज्जो देने से इनकार सकते हैं, इस हद तक कि हम उन्हें उनके स्थान पर रखकर उन पर शासन करते हैं। विशेष रूप से, जब हमारे परिवार प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं का सामना करते हैं, तब हम इतनी अधिक शिकायत कर सकते हैं कि हम नकारात्मक और कमजोर हो जायें, और हम परमेश्वर से दूर चले जाते हैं और उनसे विश्वासघात करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो प्रभु पर विश्वास करना शुरू करने के बाद भी, दुनिया के रुझानों का पालन करना जारी रखते हैं, धन, प्रसिद्धि और भाग्य की तलाश करते हैं। इस तरह के तथ्य यह साबित करते हैं कि हमारी पापी प्रकृति को पूरी तरह से निकाला नहीं किया गया है, और जो लोग अक्सर इस तरह से पाप करते हैं वे अभी भी स्वर्गिक राज्य में प्रवेश करने में असमर्थ हैं। इसलिए इब्रानियों में 9:28 में लिखा है: 'वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा।' इसलिए यह स्पष्ट है कि परमेश्वर हमें बचाने के लिए अंत के दिनों में फिर से प्रकट होंगे।

 

शाओ ज़ू और शाओ शू की बातें सुनने के बाद, मैंने भावनाओं से ओत-प्रोत होकर कहा, "आपकी संगति से मुझे परमेश्वर के ये वचन याद आते हैं: 'मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो कोई पाप करता है वह पाप का दास है। दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है' (यूहन्ना 8:34-35)। 'इस कारण अपने को शुद्ध करके पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ' (लैव्यव्यवस्था 11:44)। परमेश्वर पवित्र हैं, और वह निश्चित रूप से गंदगी में डूबे लोगों को अपने राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे। हालाँकि हमारे पाप अब क्षमा कर दिए गए हैं, फिर भी हम ऐसा जीवन जीते हैं जहाँ हम हर दिन पाप और पश्चाताप करते हैं और हम अभी भी पाप के सेवक हैं। हम निश्चित रूप से स्वर्ग में प्रवेश करने के योग्य नहीं हैं, और इसलिए हमें अभी भी परमेश्वर के उद्धार की आवश्यकता है!"

 

शाओ ज़ू ने मुस्कुराकर कहा, "हाँ, निश्चय ही। हम अभी भी पाप करने और स्वीकारने के चक्र में जीते हैं, और हम अब भी परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इसलिए, जब परमेश्वर अंत के दिनों में लौटेंगे, तब भी उन्हें अपने वचनों का कथन करना, सत्य व्यक्त और मनुष्य का न्याय और उसे शुद्ध करने का कार्य करना होगा। यीशु मसीह ने हमें बताया है: 'आधी रात को धूम मची: देखो दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिए चलो' (मत्ती 25:6)। प्रकाशितवाक्य 3:20 में लिखा है, 'देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ।' प्रभु की वापसी के बारे में बाइबल की सभी भविष्यवाणियाँ मूल रूप से पूरी हो चुकी हैं, और अभी वह सबसे महत्वपूर्ण समय है जब हम प्रभु का स्वागत करेंगे। केवल बुद्धिमान कुंवारियों की तरह होने और प्रभु की वाणी सुनने का ध्यान रखने से ही हम प्रभु का स्वागत कर सकते हैं और अंत के दिनों में प्रकट होने वाले परमेश्वर का उद्धार प्राप्त कर सकते हैं।"

 

शाओ ज़ू की संगति सुनने के बाद, मुझे लगा कि यह जानकारी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है! जब कोई यह प्रचार करता है कि यीशु मसीह वापस लौट आये हैं और वे सत्य को व्यक्त कर रहे हैं, नया कार्य कर रहे हैं, तो हमें इस पथ की खोज और अध्ययन करने की पहल करनी चाहिए और यह जानना चाहिए कि बुद्धिमान कुंवारियों की तरह परमेश्वर की वाणी कैसे सुननी है। इस तरह हम प्रभु का स्वागत अवश्य करेंगे।

 

स्रोत: यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए

 

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