मसीह के कथन

अभी, परमेश्वर का कार्य पहले ही समाप्ति के निकट पहुँच रहा है और परमेश्वर और मनुष्य के बीच का सम्बन्ध मनुष्य की प्रार्थना के द्वारा देखा जा सकता है।
मसीह के कथन · 29. April 2020
तहेदिल से परमेश्वर की आत्मा को स्पर्श करके लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, उससे प्रेम करते हैं, और उसे संतुष्ट करते हैं, और इस प्रकार वे परमेश्वर की संतुष्टि प्राप्त करते हैं; जब वे परमेश्वर के वचनों के संपर्क में आते हैं, तो परमेश्वर का आत्मा का उन पर भावनात्मक प्रभाव पड़ता है।
मसीह के कथन · 28. April 2020
इसका अर्थ है अपने हृदय में शब्दों को कहना, और परमेश्वर की इच्छा को समझकर और उसके वचनों पर आधारित होकर परमेश्वर के साथ वार्तालाप करना; इसका अर्थ है विशेष रूप से परमेश्वर के निकट महसूस करना, यह महसूस करना कि वह तुम्हारे सामने है, और कि तुम्हारे पास उससे कहने के लिए कुछ है; और इसका अर्थ है अपने हृदय में विशेष रूप से प्रज्ज्वलित या प्रसन्न होना, और यह महसूस करना कि परमेश्वर विशेष रूप से मनोहर है।
मसीह के कथन · 03. March 2020
परमेश्वर के द्वारा किए गए कार्य के प्रत्येक चरण का एक व्यवहारिक महत्व है।
मसीह के कथन · 02. March 2020
तुम लोगों को अवश्य परमेश्वर के कार्य के दर्शन को जान लेना चाहिए और उसके कार्य के सामान्य निर्देशों को समझ लेना चाहिए।
मसीह के कथन · 01. March 2020
परमेश्वर देहधारी इसलिए बना क्योंकि उसके कार्य का लक्ष्य शैतान की आत्मा, या कोई अभौतिक चीज़ नहीं, बल्कि मनुष्य है, जो माँस से बना है और जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है।
मसीह के कथन · 22. February 2020
वास्तव में, परमेश्वर सभी चीज़ों का स्वामी है। वह सम्पूर्ण सृष्टि का परमेश्वर है।
मसीह के कथन · 21. February 2020
मनुष्य का कार्य जिसके बारे में मैं बात करता हूँ, निस्संदेह, वह उन लोगों के कार्य की ओर संकेत कर रहा है जिनके पास पवित्र आत्मा का कार्य है या जिन्हें पवित्र आत्मा के द्वारा उपयोग किया जाता है।
मसीह के कथन · 15. February 2020
बहुत वर्षों से जैसे-जैसे परमेश्वर का आत्मा पृथ्वी पर कार्य करता जा रहा है, वह निरंतर खोजता आ रहा है। विभिन्न युगों में परमेश्वर ने अपने कार्य को करने के लिए बहुत से लोगों का उपयोग किया है।