गवाहियाँ · 03. February 2020
अगर हम अक्सर परमेश्वर के सामने नहीं आते और प्रार्थना नहीं करते हैं, तो हम आध्यात्मिक युद्ध की सत्यता को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाएंगे। अगर हम अपने विवेक में परमेश्वर के वचनों और सत्य पर भरोसा नहीं करते हैं, तो हम शैतान के प्रलोभनों का शिकार बन जायेंगे और अपनी गवाही खो देंगे। शैतान की चालों के आधार पर परमेश्वर की बुद्धि का प्रयोग किया जाता है – परमेश्वर हमें सत्य को समझने और गहन आध्यात्मिक युद्ध के माध्यम से विवेक हासिल करने में मदद करते हैं ताकि हम अपने जीवन में विकास कर सकें।
गवाहियाँ · 02. February 2020
इस अनुभव के माध्यम से मैंने वास्तव में जाना कि परमेश्वर सब कुछ नियंत्रित करते और सब पर शासन करते हैं। यदि उनके वचनों के मार्गदर्शन के साथ-साथ उनकी कृपा और सुरक्षा नहीं होती, तो हमारे पास चाहे जितना पैसा होता, चाहे डॉक्टर कितने भी कुशल क्यों न होते, मगर मेरे बेटे को बचाया नहीं जा सकता था। मैं परमेश्वर को धन्यवाद देती हूँ कि, मेरे बेटे की बीमारी के माध्यम से, मैंने परमेश्वर के शासन की समझ प्राप्त की और ये समझ पायी कि हमारा भविष्य और भाग्य पूरी तरह से उनके हाथों में है।
गवाहियाँ · 30. January 2020
आज, मेरे स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और मैंने कलीसिया में जिम्मेदारियां सम्भाल लीं हैं। परमेश्वर ने मुझे जो दूसरा जीवन दिया है, उससे मैं हमेशा से कहीं अधिक संजोती हूँ। हर दिन मैं इस हरी-भरी दुनिया को देख सकती हूँ, परमेश्वर द्वारा बनाई गई चीजों और परमेश्वर के वचनों के भरपूर प्रावधान का आनंद ले सकती हूँ। मैं परमेश्वर के सुसमाचार को फैलाने के लिए अपने हिस्से का कार्य कर सकती हूँ। मुझे लगता है कि मैं दुनिया की सबसे धन्य व्यक्ति हूँ!
गवाहियाँ · 29. January 2020
परन्तु परमेश्वर जानता था कि मैं शैतान द्वारा गहराई से भ्रष्ट हो गई थी, और मुझे बचाने के लिए उसने मुझे ऐसे माहौल में रखा जो मुझे अनुशासित करे, साथ ही उसने मेरा नेतृत्व और मार्गदर्शन करने के लिए वचन दिए, ताकि मैं अपनी भ्रष्टता की कुरूपता को स्पष्ट रूप से देख सकूँ, ताकि मैं खुद को तुच्छ जान सकूँ और उसकी ओर मुड़ सकूँ, और एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में सच्चाई का अभ्यास कर सकूँ।
गवाहियाँ · 15. January 2020
उस वक्त किसी को नहीं मालूम था कि वे बच पाएंगे या नहीं, आने वाले दिनों के दौरान मैं पूरी तरह से हैरान-परेशान थी और मुझमें बिल्कुल ताकत नहीं बची थी। लेकिन मेरे लिए जो बात अलग थी, वह यह था कि, परमेश्वर मेरे साथ थे और मेरे पास उनका मार्गदर्शन था, इस प्रकार मेरे पास एक सहारा था, परमेश्वर से प्रार्थना करने और उन पर भरोसा करने के माध्यम से, मैंने अपनी निराशा के बीच एक चमत्कार होते हुए देखा। उस बुरे वक्त के दौरान, मैंने परमेश्वर के अधिकार, संप्रभुता की अधिक समझ और उनके प्रेम की सच्ची सराहना प्राप्त की…
गवाहियाँ · 14. January 2020
जीवन में सबसे क़ीमती चीज धन या कोई भौतिक वस्तु नहीं है। बल्कि वो यह है कि हम परमेश्वर के सामने आ सकें और उसके उद्धार को स्वीकार करें, सत्य की खोज करें, सभी बातों में उसके वचनों के अनुसार कार्य करें, परमेश्वर पर भरोसा रखकर हम प्रतिदिन की परिस्थितियों का सामना करें, हमारे काम में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करते समय परमेश्वर के वचनों पर भरोसा करें और परमेश्वर की संप्रभुता और व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण करें।
गवाहियाँ · 14. December 2019
परमेश्वर के वचनों और बहन की संगति ने मुझे यह समझने दिया कि, जब प्रभु यीशु ने "पूरा हुआ," कहा, तो उनका मतलब सिर्फ यह था कि क्रूस का कार्य पूरा हो गया था, न कि परमेश्वर का उद्धार का कार्य पूरी तरह से समाप्त हो गया था। परमेश्वर ने अभी तक मनुष्य को शुद्ध करने और बदलने का कार्य नहीं किया है और हमारे पापों की मूल समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
गवाहियाँ · 13. December 2019
अपने पूरे जीवन में कई चीज़ें हमसे छूट जाएँगी, जैसे कि स्वादिष्ट भोजन, किसी ख़ास व्यक्ति के संग एक मुलाकात, एक अच्छी नौकरी, हमारे स्नेह से जुड़ी कोई वस्तु, आदि। अगर ये चीज़ें हमारे हाथ से चली जायें तो हम उन्हें दूसरी चीज़ों से बदल सकते हैं, लेकिन अगर हमसे स्वर्ग के राज्य को जाने वाली आखिरी ट्रेन छूट जाए, तो हम बस अनंत अफसोस के साथ रह जायेंगे। एक ईसाई के तौर पर, मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि मैं स्वर्ग के राज्य को जाने वाली आखिरी ट्रेन पकड़ पाया।
गवाहियाँ · 08. December 2019
उन्होंने न केवल मेरी प्रार्थनाओं का जवाब दिया, बल्कि उनकी वाणी सुनने और बुद्धिमान कुंवारियों में से एक बनने में मेरी अगुआई की है।