Posts tagged with "परमेश्वर का स्वभाव"



उत्पत्ति 19:24-25 कहता है, "तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; और उन नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों को, भूमि की सारी उपज समेत नष्‍ट कर दिया।"
उत्पत्ति 19:24-25 तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; और उन नगरों को और उस सम्पूर्ण तराई को, और नगरों के सब निवासियों को, भूमि की सारी उपज समेत नष्‍ट कर दिया।
उत्पत्ति 6:9-14 नूह की वंशावली यह है। नूह धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था; और नूह परमेश्‍वर ही के साथ साथ चलता रहा।
सभी मानव-जाति से ऊपर मसीह की दिव्यता है, सभी रचे प्राणियों में वो सबसे ऊँचा अधिकारी है।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)
अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के बारे में बाइबल की कई भविष्यवाणियाँ हैं, वे कैसे पूरी होंगी? अंत के दिनों में परमेश्वर न्याय का कार्य क्यों करेगा? क्या अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय उद्धार है या निंदा और सजा है? न्याय और हमारे पाप से बचकर स्वर्गिक राज्य में प्रवेश करने के बीच क्या संबंध है? नीचे दी गई सामग्री आपको इन प्रश्नों के उत्तर बताएगी।
उसके न्याय और ताड़ना ने हमें वास्तव में परमेश्वर के आदर और मनुष्य के अपराध की असहष्णुता को पहचानना सिखाया है, जिसकी तुलना में हम बहुत अधम और अशुद्ध हैं। उसके न्याय और ताड़ना ने पहली बार हमें अनुभव कराया है कि हम कितने अभिमानी और आडंबरपूर्ण हैं, और कैसे मनुष्य कभी परमेश्वर की बराबरी नहीं कर सकता, और उसके समान नहीं बन सकता है।