बाइबल की भविष्यवाणियाँ—धार्मिक विश्व की तबाही

"परमेश्‍वर यहोवा की यह वाणी है, 'देखो, ऐसे दिन आते हैं, जब मैं इस देश में अकाल करूँगा; उसमें न तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परन्तु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी'" (आमोस 8:11)।

 

"और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैंने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैंने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिसमें न बरसा; वह सूख गया। इसलिए दो तीन नगरों के लोग पानी पीने को मारे-मारे फिरते हुए एक ही नगर में आए, परन्तु तृप्त न हुए; तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,' यहोवा की यही वाणी है" (आमोस 4:7-8)।

 

"और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा" (मत्ती 24:12)।

 

दो हजार साल पहले, जब प्रभु यीशु अपना काम करने के लिए आया था, एक पवित्र मंदिर जहाँ यहोवा की महिमा प्रज्ज्वलित हुई, अकाल से पीड़ित हो गया और चोरों की गुफा बन गयाI आज, धार्मिक दुनिया उजाड़ हो गई है, धर्म खत्म हो गया है और विश्वासियों को जीवन के पानी की आपूर्ति प्राप्त करने में असमर्थ रहा है, अपना विश्वास और प्यार खो दिया है, और एक नकारात्मक और कमजोर स्थिति में रहता है। ऐसा क्यों है? इसके पीछे परमेश्वर की इच्छा क्या है? हम पवित्र आत्मा के कार्य के साथ चर्च को कैसे पा सकते हैं? निम्नलिखित संबंधित बातें।आपको उत्तर बताएगी।

 

स्रोत: यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए

 

और पढ़ें: बाइबल की भविष्यवाणी खण्ड, प्रभु की वापसी की भविष्यवाणियों—छुपी हुई भविष्यवाणियों, अंत के दिनों के न्याय की भविष्यवाणियों के साथ और भी बहुत कुछ उपलब्ध कराता है, और उन भविष्यवाणियों के पीछे के वास्तविक अर्थ की व्याख्या करता हैI   

Write a comment

Comments: 0