Posts tagged with "परमेश्वर के नक़्शे-कदम"



प्रभु यीशु ने कहा है, "मैं ही पुनरुज्जीवन, और जीवन हूँ: जो कोई भी मुझमें विश्वास करता है, चाहे उसकी मृत्यु क्यों न हो जाएं, वह जीवित रहेगा। और जो कोई भी मुझमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरता है" (यूहन्ना 11:25-26)। (© BSI)
परमेश्वर रहता है हमारे बीच जैसे हो कोई साधारण मानव, जैसे हो अनुयायियों का एक सबसे महत्वहीन सदस्य, जैसे कोई एक साधारण विश्वासी। उसका है अपना स्वंय का काम, और उसके अपने लक्ष्य। और उसके पास है दिव्यता जो किसी मनुष्य के पास नहीं, पास नहीं।
मूवी क्लिप · 31. March 2020
जब प्रभु दूसरी बार आएंगे तो क्या वे बादलों से अवतरित होंगे, या क्या वे एक चोर की तरह चुपके से आएंगे?
वो खोल देता है अपना पूर्ण स्वभाव मानव जाति के सामने, ताकि जो जानते हैं परमेश्वर को और जो नहीं जानते हैं उसे, वे सभी अपनी आँखों से देखेंगे कि सच में आया परमेश्वर इंसान के बीच, उस पृथ्वी पर जहां सब कुछ है उगता।
मौन है परमेश्वर, सामने हमारे कभी प्रकट हुआ नहीं, फिर भी कार्य उसका कभी रुका नहीं।
मूवी क्लिप · 09. March 2020
धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स अक्सर विश्वासियों को यह उपदेश देते हैं कि प्रभु यीशु को हर किसी के पापों के लिए सूली पर चढ़ा दिया गया था और मनुष्य को पापों से छुटकारा मिल चुका है।
मूवी क्लिप · 14. February 2020
जब से चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी सत्ता में आई है, तब से यह लगातार ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म को मानने वाले लोगों का दमन कर रही है और उन्हें यातनाएँ दे रही है।
क्या तुम यीशु को देखना चाहते हो? क्या तुम यीशु के साथ रहना चाहते हो? क्या तुम यीशु के द्धारा कहे गए वचनों को सुनना चाहते हो? यदि ऐसा है, तो तुम यीशु के लौटने का कैसे स्वागत करोगे? क्या तुम पूरी तरह से तैयार हो? किस ढंग से तुम यीशु के लौटने का स्वागत करोगे?
ईसाई वीडियो · 18. January 2020
क्यूँ होना है तुम्हें, एक पवित्र कुंवारी? क्यूँ की वो ही है जो ढूंढ़ सके, कार्य पवित्र आत्मा के, नयी चीज़ों को अपनाकर, वो त्याग सकती है पुराने विचार, आज है सक्षम चलने में वो, प्रभु के आज्ञानुसार। ये लोग जो स्वीकारते हैं, नव अवसरों को आज के, जिन्हें नियुक्त किये प्रभुने दुनिया के आगे, वो सबसे ज़्यादा धन्य हैं। तुम सुनते वाणी प्रभु की, निहारते उनकी मौजूदगी, तो, हर काल-खंड और पीढ़ियों में, इस धरती अम्बर में, कोई इतना धन्य है नहीं, जितने तुम हो, तुम सब हो।
अतीत में, कुछ लोगों ने "पाँच समझदार कुँवारियों, पाँच मूर्ख कुँवारियों" की भविष्यवाणियाँ की हैं; यद्यपि भविष्यवाणी परिशुद्ध नहीं है, फिर भी यह पूरी तरह से ग़लत भी नहीं है, इसलिए मैं तुम लोगों को कुछ स्पष्टीकरण दे सकता हूँ। पाँच समझदार कुँवारियाँ और पाँच मूर्ख कुँवारियाँ दोनों निश्चित रूप से लोगों की संख्या को नहीं दर्शाती हैं, न ही वे क्रमशः एक प्रकार के लोगों को दर्शाती हैं।

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